पूर्व मंत्री रामलाल को SC से बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा– आपराधिक अदालत अपने फैसले की समीक्षा या वापसी नहीं कर सकती

पूर्व मंत्री रामलाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी कानूनी राहत मिली है। देश की शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एक आपराधिक मामले में पहले सुनाए गए निर्णय की समीक्षा करते हुए फैसला वापस लिया गया था।

पूर्व मंत्री रामलाल को SC से बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा– आपराधिक अदालत अपने फैसले की समीक्षा या वापसी नहीं कर सकती

पूर्व मंत्री रामलाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी कानूनी राहत मिली है। देश की शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एक आपराधिक मामले में पहले सुनाए गए निर्णय की समीक्षा करते हुए फैसला वापस लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में निचली अदालतें अपने ही फैसलों की समीक्षा या वापसी नहीं कर सकतीं।

पूरा मामला ये था

पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ 5 करोड़ के धोखाधड़ी केस में सीबीआई जांच होगी। पूर्व मंत्री सहित 5 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था।

राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया था कि करोड़ों रुपए की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर रामलाल जाट ने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवाए थे। इसके बदले 5 करोड़ रुपए देने का वादा किया था। लेकिन, डॉक्यूमेंट नाम कराने के बाद रुपए नहीं दिए गए।
मामले में जोधपुर हाईकोर्ट के जज फरजंद अली ने कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए। दरअसल, कारोबारी परमेश्वर ने मामले में प्रभावी लोगों के शामिल होने के चलते सीबीआई जांच की मांग की थी। बाद में, राजस्थान हाईकोर्ट ने उस फैसले की समीक्षा करते हुए दोबारा सुनवाई के आदेश दिए। रामलाल ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा- दंड प्रक्रिया संहिता में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो आपराधिक अदालत को अपने अंतिम निर्णय की समीक्षा या उसे वापस लेने का अधिकार देता हो। अदालत ने यह भी कहा कि एक बार जब फैसला सुनाया जा चुका हो, तो ट्रायल कोर्ट या हाईकोर्ट उसे दोबारा खोलकर संशोधित नहीं कर सकते, जब तक कि मामला अपील, पुनर्विचार या पुनरावलोकन के निर्धारित कानूनी दायरे में न आए।

रामलाल की प्रतिक्रिया

मैं न्यायपालिका का आभारी हूं। यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की जीत है जिसे झूठे मामलों में फंसाया जाता है।

कानूनी विशेषज्ञों की राय

कानून विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया में स्थायित्व और पारदर्शिता को मजबूत करता है। यह निर्णय अन्य मामलों में भी महत्वपूर्ण नजीर बनेगा।