जयपुर सेंट्रल जेल में नशा तस्करी का पर्दाफाश, नर्सिंग ऑफिसर गिरफ्तार
जयपुर सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां जेल के अंदर नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में एक नर्सिंग ऑफिसर को गिरफ्तार किया गया है। राजस्थान पुलिस की कार्रवाई के बाद आरोपी अधिकारी को हिरासत में लिया गया है और उसके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जयपुर सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां जेल के अंदर नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में एक नर्सिंग ऑफिसर को गिरफ्तार किया गया है। राजस्थान पुलिस की कार्रवाई के बाद आरोपी अधिकारी को हिरासत में लिया गया है और उसके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
पुलिस के अनुसार, जेल प्रशासन को पिछले कुछ समय से जेल के अंदर नशीले पदार्थों की आपूर्ति की सूचनाएं मिल रही थीं। गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर एक विशेष जांच टीम बनाई गई। जांच के दौरान पाया गया कि जेल में तैनात एक नर्सिंग स्टाफ अवैध रूप से कैदियों तक नशीले पदार्थ पहुंचा रहा था।
कॉल रिकॉर्ड से खुला राज
गिरफ्तारी के बाद जांच बिंदायका पुलिस थाने को सौंप दी गई। तीनों को पूछताछ के लिए ‘पेशी वारंट' पर रिमांड पर लिया गया और आपूर्ति नेटवर्क की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई। आरोपी के कॉल रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि अंकुश अग्रवाल और कैदी गोगराज गढ़वाल के बीच लगातार बातचीत होती थी।
गिरफ्तारी और सबूत
पुलिस ने संदिग्ध अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया जब वह एक कैदी को कथित रूप से मादक पदार्थ सौंपने जा रहा था। तलाशी के दौरान उसके पास से प्रतिबंधित पदार्थ और कुछ कैदियों के नामों की एक सूची भी बरामद की गई है।
तीन को पहले किया था गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब भांकरोटा पुलिस ने 24 सितंबर को तीन लोगों अभिराज सिंह, संपत सिंह और अंकुश अग्रवाल को नशे वाली दवाओं की खेप के साथ गिरफ्तार किया। उनके पास से बरामद डिब्बे में 86 पैकेट में 37,000 से ज़्यादा कैप्सूल थे।
जेल प्रशासन की प्रतिक्रिया
जेल अधीक्षक ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। और विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह जेल स्टाफ ही क्यों न हो।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी अकेले काम कर रहा था या जेल के अंदर एक संगठित गिरोह सक्रिय है। अन्य कर्मचारियों और कैदियों से भी पूछताछ की जा रही है।