मोसाद की विषकन्याएं, बेहद खूबसूरत और खतरनाक, 1 कन्या 100 पर भारी
मोसाद की महिला एजेंट्स ने ईरान में जोखिम भरे ऑपरेशंस किए। जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया—उनका रोल मिसाइल और रणनीतिक ठिकानों पर निर्णायक था।

मोसाद की महिला एजेंट्स ने ईरान में अंजाम दिए खतरनाक मिशन — Inside Story
मोसाद की दर्जनों महिला जासूसों ने ईरान में कई खतरनाक ऑपरेशंस को अंजाम दिए हैं। जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मोसाद की दर्जनों महिला जासूस जंग से पहले ईरान में दाखिल हो गई थीं और जमीनी ऑपरेशंस को अंजाम दे रही थीं। इस दौरान मोसाद की महिला एजेंट्स ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को तबाह करने में काफी अहम भूमिका निभाई। जेरूसलम पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मोसाद के डायरेक्टर डेविड बार्निया, इजरायल-ईरान युद्ध के दौरान महिला मोसाद एजेंटों की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं।
हालांकि मोसाद की महिला जासूसों ने जिन ऑपरेशंस को अंजाम दिया है, उनकी सटीक जानकारी अभी भी नहीं है, लेकिन सूत्रों के हवाले से अखबार ने बताया है कि उनके ऑपरेशंस ईरान के मिसाइल भंडार को लेकर थे। 2024 में, एक वरिष्ठ महिला मोसाद एजेंट, जिसे केवल "G" के नाम से जाना जाता है, और जिसका बैकग्राउंड ईरानी है और जिसे ईरान में और शत्रु देशों में विदेशी जासूसों की भर्ती करने में महारत हासिल है, उन्हें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मशाल जलाकर सम्मानित किया गया था।
ईरान में मोसाद की महिला एजेंट्स के ऑपरेशंस
जेरूसलम पोस्ट के मुताबिक मोसाद की महिला जासूसों की भूमिका सिर्फ सर्विलांस या पारंपरिक जासूसी तक सीमित नहीं रही है। किताब The Mossad Amazons में बताया गया है कि महिला एजेंट, दुश्मन अधिकारियों को फंसाने, ईरान की परमाणु साइटों की निगरानी और यहां तक कि सीधे हमले करने तक में शामिल रही हैं। मौजूदा दौर में इनकी भूमिका और भी ज्यादा खतरनाक हो गई है। बार्निया ने ईरान के अंदर सैकड़ों एजेंट्स और उनके मैनेज किए गए लोकल ऑपरेटिव्स को एक साथ एक्टिव किया। इनमें न सिर्फ इजरायली खुफिया अधिकारी शामिल थे बल्कि ईरान के असंतुष्ट लोकल नागरिक भी मोसाद के लिए काम कर रहे थे। इस नेटवर्क ने ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम्स, रडार प्लेटफॉर्म्स और कई रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाने के साथ-साथ इजरायली फाइटर जेट्स को टारगेटिंग इनपुट भी दिया गया था।
जून संघर्ष के दौरान इजरायल ने ईरान के कई न्यूक्लियर ठिकानों, जैसे नतांज, फोर्डो और इस्फहान में भीषण बमबापी की थी। इसके अलावा दर्जनों अन्य सैन्य सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया। हालांकि अभी भी उस 400 किलोग्राम 60% समृद्ध यूरेनियम को लेकर सवाल बरकरार हैं कि उसे कहां रखा गया है। अगर वो नष्ट नहीं हुआ है तो ईरान ने उसे कहां छिपाकर रखा है। अगर इतनी मात्रा में यूरेनियम को हथियार-ग्रेड स्तर तक समृद्ध कर लिया जाए तो सैद्धांतिक तौर पर आधा दर्जन परमाणु बम बनाए जा सकते हैं। जून में ऑपरेशन खत्म होने के तुरंत बाद आलोचकों ने चेतावनी दी थी कि ईरान कुछ ही महीनों में बम बना सकता है। हालांकि इजरायली रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, चूंकि पूरा न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो चुका है, इसलिए नए सिरे से बम बनाने में कम से कम दो साल लगेंगे।