मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में सफेद वस्त्र पहनें

मां ब्रह्मचारिणी वो देवी हैं, जिन्होंने कठिन तपस्या कर भगवान शिव को अपनी अर्धांगिनी बनाया। आज हम जानेंगे उनका दिव्य स्वरूप, उनकी विस्तृत कथा और पूजा विधि। तो चलिए, माता के इस पवित्र संसार में कदम रखते हैं और उनकी भक्ति में डूबते हैं!”

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में सफेद वस्त्र पहनें

नवरात्रि का दूसरा दिन है और आज हम मिलेंगे तपस्या, संयम और भक्ति की देवी – मां ब्रह्मचारिणी से। ये वही देवी हैं, जिन्होंने कठिन तपस्या कर भगवान शिव को अपनी अर्धांगिनी बनाया। आज हम जानेंगे उनका दिव्य स्वरूप, उनकी विस्तृत कथा और पूजा विधि। तो चलिए, माता के इस पवित्र संसार में कदम रखते हैं और उनकी भक्ति में डूबते हैं!


सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात् |


स भूमिं विश्वतो वृत्वात्यतिष्ठद्दशाङुलम् |

जो सहस्र सिरों वाला, सहस्र आंखों वाला और सहस्र पांव वाला है, वह संपूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त है। मां ब्रह्मचारिणी की भक्ति करने वाला साधक जीवन में शांति, ज्ञान और शक्ति प्राप्त करता है। मां ब्रह्मचारिणी हाथ में जपमाला और कमंडल धारण करती हैं। सफेद वस्त्र उनके संयम और तपस्या का प्रतीक हैं। मां भक्तों को संयम, भक्ति और ज्ञान की शक्ति देती हैं।

नवरात्रि का दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी की होती है पूजा 


शांति और तपस्या की देवी


 हाथ में जपमाला और कमंडल


जानिए मां ब्रह्मचारिणी से जुड़ी कथा

 
पौराणिक कथा अनुसार, हिमालय पुत्री पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने का संकल्प लिया। उन्होंने कठोर तपस्या की, फल और फूल पर ही जीवन व्यतीत किया। धीरे-धीरे उन्होंने पत्ते और पानी तक का त्याग किया, और केवल वायु और आहार से जीवन बिताने लगीं। उनकी साधना इतनी कठिन थी कि देवताओं और ऋषियों को भी आश्चर्य हुआ। मां की तपस्या के सामने प्रकृति भी शांत हो गई और पर्वत, नदियाँ और वन सभी उनके सम्मोहन में आ गए। कुछ समय बाद, भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उनकी अर्धांगिनी बनने का वरदान दिया...यही कारण है कि मां ब्रह्मचारिणी तपस्या, संयम और अटूट भक्ति की देवी मानी जाती हैं।  भक्तों का विश्वास है कि जो व्यक्ति उनके चरणों में पूरी श्रद्धा और समर्पण से भक्ति करता है, वह जीवन की हर कठिनाई को पार कर सकता है।

भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या

हजारों वर्षों तक साधना

प्रकृति भी हुई उनकी तपस्या से प्रभावित

भक्ति और संयम की प्रतीक

जानिए कैसे करें पूजा 

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में सफेद वस्त्र पहनें

सफेद फूल, चंदन, अक्षत और रोली अर्पित करें

धूप-दीप जलाएं और ‘ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः’ मंत्र का जाप करें

भक्ति भाव के साथ यह पूजा जीवन में शांति और शक्ति लाती है

सफेद वस्त्र पहनकर पूजा करें

सफेद फूल, चंदन और अक्षत अर्पित करें

धूप-दीप जलाकर आराधना करें

मंत्र – ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः

जानिए पूजा का महत्व 


मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्त को शक्ति, धैर्य और संयम मिलता है। उनकी भक्ति जीवन की सभी कठिनाइयों को सरल कर देती है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ उनकी पूजा करता है, उसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


मां की कृपा से मिलती असीम शक्ति


जीवन से दुख और बाधाएं दूर होती हैं


भक्ति, ज्ञान और संयम की प्राप्ति


धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति

मां ब्रह्मचारिणी की भक्ति हमें यह सिखाती है कि कठिन समय में संयम और विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति हैं।जितना हम उनके चरणों में भक्ति समर्पित करेंगे, उतना ही जीवन में सुख, शांति और सफलता आएगी।..इस नवरात्रि, आइए हम सभी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से अपने जीवन को उज्जवल, मजबूत और दिव्य बनाएं। भक्ति और आस्था के इस पर्व में माता की कृपा आप सभी पर बनी रहे – जय माता दी!