माँ शैलपुत्री की कृपा पाने का आसान तरीका

माँ शैलपुत्री देवी पार्वती का पहला स्वरूप हैं। ‘शैल’ का अर्थ है पर्वत और ‘पुत्री’ का अर्थ है पुत्री – यानी पर्वत की पुत्री। हाथ में त्रिशूल और कमल लिए, बैल पर सवार माँ शैलपुत्री भक्तों को शक्ति, स्थिरता और मानसिक बल का आशीर्वाद देती हैं।

माँ शैलपुत्री की कृपा पाने का आसान तरीका

आज नवरात्रि का पहला दिन है और हम पूजा करेंगे शक्ति स्वरूपा माँ शैलपुत्री की। माँ शैलपुत्री देवी पार्वती का पहला स्वरूप हैं। ‘शैल’ का अर्थ है पर्वत और ‘पुत्री’ का अर्थ है पुत्री – यानी पर्वत की पुत्री। हाथ में त्रिशूल और कमल लिए, बैल पर सवार माँ शैलपुत्री भक्तों को शक्ति, स्थिरता और मानसिक बल का आशीर्वाद देती हैं।


जानिए माँ शैलपुत्री की कथा 


VO – एक बार प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया और सभी देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन भगवान शंकर को इसमें बुलाया नहीं गया। यह देखकर सती दुखी हो उठीं। उन्होंने यज्ञ में जाने की इच्छा जताई, लेकिन शंकरजी ने उन्हें समझाया कि यह उचित नहीं है। फिर भी सती के आग्रह पर शंकरजी ने उन्हें अनुमति दे दी। सती जब यज्ञ में पहुँचीं तो उनके माता-पिता ने स्नेह दिया, लेकिन बहनों और दक्ष ने उनका अपमान किया। देवी सती इस अपमान को सह नहीं सकीं और योगाग्नि द्वारा स्वयं को भस्म कर लिया। इस घटना से भगवान शंकर अत्यंत दुखी हुए और उन्होंने यज्ञ का विनाश कर दिया।


सती का यह जीवन अत्यंत दुखद था, लेकिन अगली जन्म में वे शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और उन्हें शैलपुत्री कहा गया। वे देवी पार्वती और हेमवती के नाम से भी जानी जाती हैं। उनका विवाह भगवान शंकर से हुआ और वे उनकी अर्द्धांगिनी बनीं। माँ शैलपुत्री का महत्व अनंत है और उनका आशीर्वाद भक्तों को शक्ति, स्थिरता और मानसिक संतुलन प्रदान करता है।


माँ शैलपुत्री की पूजा सामग्री में क्या चाहिए??


आज लाल वस्त्र पहनें


शुद्ध जल और फूल से पूजा करें


108 बार मंत्र का जाप करें: ‘ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः’


माता के चित्र या मूर्ति को स्वच्छ स्थान पर रखें


फल और दूध का प्रसाद अर्पित करें


ध्यान और भक्ति भाव के साथ पूजा करें


माता की कृपा से मानसिक शक्ति बढ़ती है


पहले दिन से सकारात्मक सोच अपनाएं


परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूजा करें


पूजा करते समय भक्तों को ये काम नहीं करने चाहिए


पूजा के समय झगड़ा या विवाद न करें


गंदे हाथ या कपड़े से पूजा न करें


जहर, मांसाहार, नशीले पदार्थ का सेवन न करें


पूजा के दौरान असतर्क या व्यर्थ बातें न करें


माता की मूर्ति या चित्र को अशुद्ध स्थान पर न रखें


मंत्र जाप बिना भक्ति भाव के न करें


आइए जानते है पूजा का महत्व 


माँ शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि के पहले दिन से होती है। इस दिन पूजा करने से भक्तों को धैर्य, स्थिरता और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। माता की कृपा से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में संतुलन आता है। पूजा में शुद्ध जल, फूल, दीपक और 108 बार मंत्र ‘ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः’ का जाप करना शुभ माना जाता है। लाल वस्त्र पहनना और परिवार के सभी सदस्य मिलकर भक्ति भाव से पूजा करना विशेष लाभकारी है।  PK Times की तरफ से आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ। इस पावन अवसर पर माँ शैलपुत्री की कृपा आपके जीवन में शक्ति, सुख और समृद्धि लेकर आए। जय माता दी