जोधपुर हाईकोर्ट ने मौत की सजा की रद्द, भाई-बहन की हत्या और रेप के मामले में आरोपी बरी
जोधपुर हाईकोर्ट ने बुधवार को एक चौंकाने वाले फैसले में नाबालिग भाई-बहन की हत्या और बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए गए आरोपी को बरी कर दिया।

जोधपुर हाईकोर्ट ने बुधवार को एक चौंकाने वाले फैसले में नाबालिग भाई-बहन की हत्या और बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए गए आरोपी को बरी कर दिया। निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को रद्द करते हुए अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश करने में विफल रहा।
यह मामला वर्ष 2019 का है, जब एक सूनसान जंगल में दो मासूम बच्चों के शव बरामद हुए थे। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने गांव के ही एक युवक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया था। निचली अदालत ने दोषी मानते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी।
हालांकि, हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए कहा कि मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर ही भरोसा किया गया, और कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं था जो आरोपी की संलिप्तता को पूरी तरह साबित करता हो। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि संदेह के आधार पर किसी को फांसी की सजा नहीं दी जा सकती।
इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार और स्थानीय समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक ओर कानून के जानकार इसे न्याय प्रक्रिया का सम्मान मानते हैं, वहीं दूसरी ओर पीड़ित परिवार ने निराशा जताई है और आगे सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
यह मामला एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि संवेदनशील मामलों में जांच की गुणवत्ता और सबूतों की मजबूती कितनी अहम होती है, खासकर तब जब सजा मौत जैसी हो।