अंतरिक्ष में जंग की तैयारी, देखिए कौन सा देश किस पर भारी ?

2025 तक किस देश के पास सबसे ज्यादा सैटेलाइट हैं? जानिए अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जापान और भारत की स्पेस पावर रेस की पूरी रिपोर्ट।

अंतरिक्ष में जंग की तैयारी, देखिए कौन सा देश किस पर भारी ?
BBC

अंतरिक्ष आज सिर्फ विज्ञान की नहीं बल्कि शक्ति, रणनीति और टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन की भी जगह बन गयी है. नेविगेशन से लेकर कम्युनिकेशन, वेदर फॉरकास्ट से लेकर मिलिट्री सर्विलांस तक देशों के बीच इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. 2025 तक किस देश ने स्पेस में कितने सेटेलाइट लगाए हैं, इसका खुलासा हाल ही में जारी किए गए सेटेलाइट रजिस्ट्री आंकड़ों से हुआ. यहां आप टॉप 5 देशों में जान सकते हैं. 

अमेरिका

अमेरिका खुद को सबसे ताकतवर देश बताता है. इसकी एक बड़ी वजह स्पेस में 8,530 से ज्यादा इसके सेटेलाइट्स की उपस्थिति भी है. स्पेस में सबसे अधिक सेटेलाइट अमेरिका के हैं. इनमें से 7000 हजार के लगभग सेटेलाइट्स SpaceX प्राइवेट कंपनी की है. अमेरिका सेना, विज्ञान और व्यापार से जुड़े सर्विलांस के लिए इसका इस्तेमाल करता है. 

रूस 

दूसरे स्थान पर रूस है, जिसके पास लगभग 1,559 सैटेलाइट्स हैं. इनका उपयोग क्मयूनिकेशन, रिमोट सेंसिंग, और मिलिट्री सर्विलांस के लिए होता है. रूस इसकी संख्या को आने वाले दशकों बढ़ाने और अमेरिका पछाड़ने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है.  

चीन

स्पेस में चीन के लगभग 906 सैटेलाइट्स चक्कर काट रहे हैं. ये सैटेलाइट नेविगेशन, संचार, निगरानी और रक्षा जैसे काम करते हैं. चीन हर साल लगातार सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है, जिससे वह अंतरिक्ष में अमेरिका और रूस जैसी ताकतों को टक्कर दे सके.  

यूके

ब्रिटेन के पास 763 सैटेलाइट हैं, जो इसे दुनिया में चौथा स्थान दिलाते हैं. ये सैटेलाइट खुफिया, निगरानी, संचार, विज्ञान और व्यापार जैसे कई कामों में इस्तेमाल होते हैं. इससे पता चलता है कि यहां सरकार और निजी कंपनियां, दोनों ही अंतरिक्ष क्षेत्र में काफी एक्टिव हैं.

जापान

2025 तक जापान के 203 सैटेलाइट ओरबीट में घूम रहे हैं. ये सैटेलाइट क्वासी-जेनिथ सिस्टम से नौवहन, पृथ्वी अवलोकन, विज्ञान और सरकारी कामों में मदद करते हैं. जापान की प्राथमिकता विश्वसनीयता और नवाचार है, जिससे वह कई क्षेत्रों में मजबूत और उन्नत तकनीक विकसित कर रहा है.

अमेरिका

अमेरिका खुद को सबसे ताकतवर देश बताता है. इसकी एक बड़ी वजह स्पेस में 8,530 से ज्यादा इसके सेटेलाइट्स की उपस्थिति भी है. स्पेस में सबसे अधिक सेटेलाइट अमेरिका के हैं. इनमें से 7000 हजार के लगभग सेटेलाइट्स SpaceX प्राइवेट कंपनी की है. अमेरिका सेना, विज्ञान और व्यापार से जुड़े सर्विलांस के लिए इसका इस्तेमाल करता है. 

रूस 

दूसरे स्थान पर रूस है, जिसके पास लगभग 1,559 सैटेलाइट्स हैं. इनका उपयोग क्मयूनिकेशन, रिमोट सेंसिंग, और मिलिट्री सर्विलांस के लिए होता है. रूस इसकी संख्या को आने वाले दशकों बढ़ाने और अमेरिका पछाड़ने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है.  

चीन

स्पेस में चीन के लगभग 906 सैटेलाइट्स चक्कर काट रहे हैं. ये सैटेलाइट नेविगेशन, संचार, निगरानी और रक्षा जैसे काम करते हैं. चीन हर साल लगातार सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है, जिससे वह अंतरिक्ष में अमेरिका और रूस जैसी ताकतों को टक्कर दे सके.  

यूके

ब्रिटेन के पास 763 सैटेलाइट हैं, जो इसे दुनिया में चौथा स्थान दिलाते हैं. ये सैटेलाइट खुफिया, निगरानी, संचार, विज्ञान और व्यापार जैसे कई कामों में इस्तेमाल होते हैं. इससे पता चलता है कि यहां सरकार और निजी कंपनियां, दोनों ही अंतरिक्ष क्षेत्र में काफी एक्टिव हैं.

भारत

भारत 136 उपग्रहों के साथ 2025 तक अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा सैटेलाइट वाले देशों में छठवें स्थान पर है. ये सैटेलाइट्स ISRO, विश्वविद्यालयों और निजी कंपनियों के हैं. यह भारत की अंतरिक्ष तकनीक में बढ़ती क्षमता और वैश्विक स्तर पर उसकी मज़बूत होती मौजूदगी को दर्शाता है, जो लगातार प्रगति का संकेत है