परीक्षा में पात्रता नहीं, आज एमडी से मिलेंगे एनएचएम कर्मी

सतना | हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की एमडी एनएचएम ने एक पत्र सीएमएचओ को जारी किया है कि जिले में डीपीएम-डीएएम और डीसीएम के रिक्त पदों को भरने के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित की जाए और पात्रता रखने वालों के दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रामणित करें। अब इस पत्राचार में विवाद खड़ा हो गया है और वो ये कि डीपीएमयू यूनिट में काम करने वाले ऐसे एनएचएम कर्मचारी जिनकी पोस्टिंग जिला मुख्यालय में है उनको उक्त परीक्षा में पात्र नहीं किया गया है। लिहाजा शनिवार को ऐसे एनएचएम कर्मचारी मिशन संचालक छवि भारद्वाज से मिलकर अपनी बात रखेंगे। सतना से भी कई कर्मचारी जो डीपीएमयू में काम रहे हैं शुक्रवार को भोपाल रवाना हुए हैं।

क्या है विवाद
दरअसल एमपी के कई जिलों में जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम का पद रिक्त है और प्रभार में चल रहा है। इसके अलावा डीएएम और डीसीएम के पद भी प्रभार में चल रहे हैं। सतना में भी कई सालों से डीपीएम प्रभारी ही हैं । यहां दीपक डेहरिया के बाद से कोई नियमित डीपीएम नहीं आया है।

मौजूदा समय में भी सतना प्रभार में ही चल रहा है। लिहाजा इन पदों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाने हैं जिसकी योग्यता होगी वो डीपीएम,डीएएम और डीसीएम बनेगा। इसमें विवाद ये है कि एमडी ने जिनको पात्र बनाया है उसमें से डीपीएमयू का कोई भी एनएचएम कर्मचारी डीपीएम बनने का पात्र नहीं है न ही उसको परीक्षा में बैठने की पात्रता है। अब ऐसे में स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी जिनको परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं है उनमें आक्रोश है और अब वो भोपाल में इस मुद्दे को एमडी एनएचएम के सामने रखेंगे।

इनको नहीं है पात्रता
दरअसल विभागीय प्रमोशन परीक्षा में डीपीएम बनने के लिए जिला मुख्यालय  के डीपीएम यूनिट में काम करने वाले डीसीएम,डीएमए, एपीडेमोलॉजिस्ट, आईडीएसपी और आरकेएसके तथा एमएनई आफिसरों को पात्रता नहीं दी गई है। जबकि डीपीएम के लिए सबसे पहले एपीएम उसके बाद बीपीएम को पात्रता है। वहीं डीएएम के लिए ब्लॉक के बीएएम को पात्र बनाया गया है और डीसीएम बनने बीसीएम को पात्रता है पर विवाद डीपीएम के लिए ये है कि जिला कार्यक्रम प्रबंधक बनने डीपीएमयू यूनिट से कोई नाम नहीं है। सतना में भी इस मामले को लेकर आक्रोश है।