सूरतगढ़ दशहरा हादसा: कुंभकरण के पुतला से फोटोग्राफर झुलसा, नगरपालिका पर गंभीर आरोप
2 अक्टूबर को नगरपालिका द्वारा आयोजित दशहरा उत्सव में घटित हुआ, जिसमें कुंभकरण का जलता हुआ पुतला अचानक असंतुलित होकर कलाकारों और उपस्थित लोगों की ओर गिरने लगा।

शहरी सेवा शिविर के तहत सूरतगढ़ पहुंचे संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा को भाजपा नेता प्रेम प्रकाश सिंह राठौड़ ने दशहरे के कार्यक्रम के दौरान घटित गंभीर हादसे की जानकारी दी। यह हादसा 2 अक्टूबर को नगरपालिका द्वारा आयोजित दशहरा उत्सव में घटित हुआ, जिसमें कुंभकरण का जलता हुआ पुतला अचानक असंतुलित होकर कलाकारों और उपस्थित लोगों की ओर गिरने लगा।
राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पालिका प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते यह दुर्घटना हुई। उन्होंने बताया कि परंपरागत लोहे की तारों की बजाय नगरपालिका द्वारा नायलॉन व प्लास्टिक की कमजोर रसियों का इस्तेमाल कर पुतलों को खड़ा किया गया, जिसके चलते कुंभकरण का पुतला जलते समय असंतुलित होकर रावण दहन कर रहे कलाकारों – राम, लक्ष्मण, हनुमान – की ओर गिरने लगा। कलाकारों ने मौके की नज़ाकत को भांपते हुए भागकर जान बचाई, लेकिन वहां मौजूद फोटोग्राफर लक्ष्मण सिंह हादसे की चपेट में आ गया।
फोटोग्राफर गंभीर रूप से घायल
राठौड़ ने बताया कि फोटोग्राफर लक्ष्मण सिंह के हाथ व चेहरा गंभीर रूप से झुलस गया। हैरानी की बात यह रही कि मौके पर एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं थी। घायल को आनन-फानन में नगर पालिका की एक खटारा गाड़ी में बैठाकर राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद श्रीगंगानगर रेफर कर दिया गया।
नगर पालिका प्रशासन पर गंभीर आरोप
प्रेम प्रकाश राठौड़ ने संभागीय आयुक्त को विभिन्न समाचार पत्रों की कटिंग्स दिखाते हुए कहा कि यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था। उन्होंने नगरपालिका अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा और उनकी टीम पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि बिना जांच और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर पूरे कार्यक्रम को चलाया गया, जिससे कलाकारों और आमजन को मौत के मुंह में धकेला गया।
उन्होंने मांग की कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
संभागीय आयुक्त ने दिए जांच के आदेश
भाजपा नेता द्वारा प्रस्तुत जानकारी और साक्ष्यों को संज्ञान में लेते हुए संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा ने उपखंड अधिकारी को तुरंत मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
यह घटना न सिर्फ नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि ऐसे सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी से होने वाले संभावित खतरों की ओर भी इशारा करती है।