जोधपुर PGIA कॉलेज में रैगिंग, सीनियर्स ने जूनियर्स से की मारपीट
डॉ. राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध PGIA (Post Graduate Institute of Ayurveda) कॉलेज में रैगिंग को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। कॉलेज में होम्योपैथी 2021 बैच के सीनियर छात्रों पर 2024 बैच के जूनियर छात्रों के साथ मारपीट और धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं।

डॉ. राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध PGIA (Post Graduate Institute of Ayurveda) कॉलेज में रैगिंग को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। कॉलेज में होम्योपैथी 2021 बैच के सीनियर छात्रों पर 2024 बैच के जूनियर छात्रों के साथ मारपीट और धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना कैंटीन में उस समय हुई जब जूनियर छात्र खाना खा रहे थे। तभी कुछ सीनियर छात्रों ने कथित तौर पर उन्हें घेर लिया और लात-घूंसे व थप्पड़ों से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट की यह घटना कॉलेज के CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है, जिससे आरोपों को लेकर प्रमाण सामने आने की पुष्टि हुई है।
लिखित शिकायत के बाद भी प्रशासन की चुप्पी
पीड़ित छात्रों ने घटना के तुरंत बाद कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी को लिखित शिकायत सौंपी है, जिसमें उन्होंने न सिर्फ मारपीट, बल्कि मानसिक उत्पीड़न और धमकियों का भी जिक्र किया है। बावजूद इसके, कॉलेज प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की गई है।
छात्रों का आरोप है कि प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की और आरोपियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। इससे कॉलेज के अन्य छात्रों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना के सामने आने के बाद PGIA कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों और अभिभावकों में भारी नाराजगी है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग कॉलेज प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
हालांकि, कॉलेज की एंटी-रैगिंग नीति के तहत किसी भी प्रकार की रैगिंग एक गंभीर अपराध मानी जाती है और इसमें कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है, लेकिन अब तक FIR या पुलिस हस्तक्षेप की कोई सूचना सामने नहीं आई है।
पीड़ितों की मांग
पीड़ित छात्रों और उनके परिवारों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी सीनियर छात्रों को तत्काल निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकें।