परिवहन विभाग का लिपिक निलंबित, उपायुक्त करेंगे जांच

रीवा | वाहन परमिट के नाम पर परेशान करने एवं पैसों की मांग परिवहन विभाग के सहायक ग्रेड-3 लिपिक को महंगी पड़ गई है। उसे निलंबित कर जांच बैठा दी गई है। संभागीय उप परिवहन आयुक्त को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। लिपिक के विरुद्ध उक्त कार्रवाई सीएम हेल्प लाइन में कई बार शिकायत करने के बाद हुई है। आश्चर्यजनक पहलू यह है कि अरुण मिश्रा नामक व्यक्ति की इस शिकायत को एल-3 पर कलेक्टर द्वारा स्पेशल क्लोज किया गया है।

परिवहन आयुक्त ग्वालियर के उक्त कदम से सोमवार को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय रीवा में अफरा-तफरी का आलम रहा। परिवहन से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि वाहन मालिक अरुण कुमार मिश्रा द्वारा वाहन परमिट को लेकर बार-बार समय परिवर्तन करने से हो रही परेशानी और ब्लैकमेलिंग को लेकर परिवहन कार्यालय रीवा में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 अनिल खरे के विरुद्ध सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की गई थी। इस शिकायत को लेकर स्थानीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन एल-3 लेबल पर शिकायत को बंद कर दिया गया। ऐसे में अरुण मिश्रा ने एक और शिकायत की। 

जिसमें बताया गया कि लिपिक अनिल खरे बार-बार पैसों की मांग कर रहा है। सीएम हेल्प लाइन में की गई शिकायत पर परिवहन आयुक्त ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रीवा से जांच रिपोर्ट तलब की। उक्त रिपोर्ट में लिपिक अनिल खरे के विरुद्ध मिली शिकायत को सही ठहराया गया। इसके बाद परिवहन आयुक्त ग्वालियर ने पत्र क्रमांक 7/0/निज सचिव/टीसी 2021 दिनांक 30 जनवरी 2021 को निलंबित कर दिया। साथ ही अरुण कुमार सिंह संभागीय उप परिवहन आयुक्त को अनिल खरे के विरुद्ध जांच के निर्देश दिए थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।

प्रकरण बिना समाधान एल टू में गये तो कार्यवाही होगी : डीएम
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि सभी अधिकारी हर दिन सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण स्वयं देखें तथा आवेदक से चर्चा करके प्रकरण के निराकरण के प्रयास करें। कई विभागों में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के संबंध में लगातार निर्देश दिये जा रहे हैं। इसके बावजूद अधिकारी तत्परता से कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण यदि बिना समाधान के लेबल वन से लेबल टू में आयेंगे तो कार्यवाही की जायेगी। जिला पंचायत में सर्वाधिक योजनायें तथा काम का दबाव है।

इसके बावजूद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पिछले तीन महीनों में पूरी सक्षमता से सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण निराकृत करके प्रदेश में लगातार अच्छा स्थान बनाया है। कलेक्टर ने कहा कि जब तक हमारा माइंड सेटअप सकारात्मक नहीं होगा तब तक शिकायतों के निराकरण में कठिनाई आती रहेगी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में कहा कि अधिकारियों को स्वयं रूचि लेकर कार्य करना पड़ेगा। सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण के लिये कार्यालय के सबसे कुशल और समझदार कम्पयूटर आॅपरेटर को तैनात करें।

आमजन से सही संवाद और समझदारी ही सीएम हेल्पलाइन से निपटने के सबसे बड़े हथियार हैं। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि राजस्व विभाग में भी शिकायतों की संख्या बहुत अधिक हो गई है। मनगवां, नईगढ़ी तथा हुजूर तहसीलों में दो-दो सौ से अधिक शिकायतें लंबित हैं। शिक्षा, ऊर्जा, वित्त, पीएचई, खाद्य तथा कुछ अन्य विभागों ने भी शिकायतों की संख्या अधिक है। 

सीएम हेल्पलाइन को लेकर प्रमुख सचिव के निर्देश
प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबंधन ने अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के तत्परता से निराकरण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों का विश्लेषण करके शासन स्तर से सीएम हेल्पलाइन के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। सीएम हेल्पलाइन के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि कई जिले जन सुनवाई में प्राप्त आवेदन पत्रों को पोर्टल पर दर्ज नहीं कर रहे हैं। कई जिलों द्वारा अपूर्ण आवेदन पत्र पोर्टल पर दर्ज किये जा रहे हैं। जिससे इनके निराकरण में कठिनाई आती है।  

प्रमुख सचिव ने कहा है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में सौ दिनों से अधिक लंबित शिकायतों की संख्या अधिक है। इन शिकायतों पर संबंधित विभागों के अधिकारी तत्परता से कार्यवाही करके संतुष्टिपूर्ण निराकरण दर्ज करायें। सीपीग्राम पोर्टल पर विभागवार लंबित शिकायतें दर्ज की गई हैं। सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में सीपीग्राम पोर्टल का 6 नवम्बर 2020 को एकीकरण किया गया था। इसके पूर्व की बड़ी संख्या में शिकायतें लंबित हैं जिनका अनिवार्य रूप से निराकरण करें।