आंदोलनों के बीच विंध्य में निकाय चुनाव का सामना करेगी भाजपा

सतना | हर विचारधारा को पल्लवित, पोषित और संवर्द्धित करने वाली विंध्य की धरा कई आंदोलनों की साक्षी रही है। कई आंदोलन विंध्य से ही शुरू हुए जिनकी गूंज राष्ट स्तर तक गूंजी। बीते कुछ दशकों से विंध्य में आंदोलनों की धार कमजोर पड़ी थी लेकिन एक बार पुन: विंध्य में कई आंदोलन सिर उठाने लगे हैं। अब इसे सरकार की विंध्यवासियों की जरूरतों को नजरंदाज करने की नादानी कहें अथवा कुछ और कि कई मांगों को लेकर विंध्य में आंदोलन आकार ले रहे हैं। बेशक इस मर्तबा विंध्य क्षेत्र ने भाजपा को 90 फीसदी से अधिक सीटों पर जिताया हो लेकिन विंध्य की जनता के हित से जुड़े मामलों के प्रति जिस प्रकार से सरकार उदासीनता बरत रही है , उससे विंध्य की जनता को अपने पाले में खड़ा कराए रखना भाजपा के रणनीतिकारों के लिए आसान नहीं होगा। इन आंदोलनों के बीच निकाय चुनाव की तैयारी कर रही भाजपा के लिए राह आसान नहीं होगी।

विंध्य के किसानों की लाइफलाइन कही जाने वाली बरगी परियोजना पर सरकारी उदासीनता का गृहण अभी भी लगा हुआ है। 29 साल पहले बरगी बांध बनाया गया था लेकिन सतना व रीवा जिले की ओर जाने वाली नहरें व स्लीमनाबाद में टनल का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। सतना के 855 व रीवा के 33 गांवों के किसानों को नर्मदा जल मुहैया कराने वाली इस परियोजना में सरकारी जंग लगने से जब प्रदेश के हिस्से का पानी छिनने का खतरा दिखाई दिया तो जिले में बरगी परियोजना की सर्वप्रथम पहल करने वाले  पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह ने पुन: गैर राजनीतिक आंदोलन छेड़ दिया है। वे अब तक दो बड़ी महापंचायत कर चुके हैं जिसमें जन सैलाब टूट पड़ा जिससे पता चलता है कि जिलावासियों के लिए नर्मदा जल क्या मायने रखता है। आंदोलन जारी है और बुजुर्ग रामप्रताप सिंह समाजसेवियों व नवयुवकों के साथ गांव गांव संपर्क कर नर्मदा जल को अविलंब लाने सरकार पर दबाव बना रहे हैं। 

पृथक विंध्यप्रदेश: पीएम को चिट्ठी लिखकर की शहडोल में वार्ता
पृथक विंध्यप्रदेश की मांग भी धीरे धीरे मुखर हो रही है। हाल ही में मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने पृथक विंध्यप्रदेश का राग छेड़ा है जबकि पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी लंबे अरसे से विंध्य प्रदेश के पुनर्गठन की मांग कर रहे हैं। इस मर्तबा जिस प्रकार से सरकार ने विंध्य प्रदेश की हर मामले में उपेक्षा की है, उससे यह मांग और भी अधिक मुखर हो सकती है। पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने विंध्य प्रदेश के पुनर्गठन के लिए तकरीबन 1300 किमी की अस्मिता यात्रा कर अपने इरादे स्पष्ट कर चुके हैं कि पृथक विंध्यप्रदेश से इतर हमें कुछ भी मंजूर नहीं है।

अब इस अभियान को गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह व मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के  हवा देने से उम्मीद बंधी है कि शायद सरकार तक विंध्य की आवाज पहुंचे और पृथक विंध्यप्रदेश की मांग पूरी हो सके। सूत्रों के अनुसार बीते दिनों पृथक विंध्यप्रदेश की मांग को लेकर कई बैठकें करने वाले  मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर विंध्य क्षेत्र की विशेषताएं गिनाते हुए उन बिदुओं का उल्लेख किया है, जो स्पष्ट करते हैं कि पृथक विंध्यप्रदेश बनाया जाना क्यों जरूरी है? पीएम को पत्र लिखने के बाद गुरूवार को नारायण त्रिपाठी ने शहडोल में प्रेस वार्ता की और पृथक विंध्यप्रदेश का राग अलापा।

बाणसागर हमारा, बांध हमारा अधिकार
फिलहाल नर्मदा जल नागौद क्षेत्र तक लाने में सरकार नाकाम रही है। ऐसे में नागौद क्षेत्र से ‘ बाणसागर हमारा, बांध हमारा अधिकार ’अभियान भी चालू हो गया है। इस अभियान की अगुवाई पूर्व जिपं सदस्य युवा तुर्क यातेंद्र सिंह पप्पू कर रहे हैं। इसके लिए भी गांव-गांव पंचायत की जा रही है। गत दिवस नागौद व रैगांव विधानसभा क्षेत्र में इस मसले को लेकर हुई बैठक में किसानों ने अपना समर्थन भी दिया है। इस मामले में यातेंद्र का कहना है कि बरगी का पानी जब आएगा तब आएगा लेकिन मौजूदा समय पर बाणसागर का पानी नागौद व सिंहपुर क्षेत्र तक लाया जा सकता है। इसके तकनीकी पहलुओं पर तो रोशनी नहीं डाली गई है लेकिन क्षेत्रीय किसान इस मांग से सहमत नजर आ रहा है।