10वीं-12वीं की परीक्षा में नहीं होगा कोई बदलाव
सतना | हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी परीक्षा पैटर्न में बदलाव मामले में राज्य शासन ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल को झटका दिया है। शासन ने पिछले महीनों में किए गए सभी बदलाव के निर्देश निरस्त कर दिए हैं। अब दोनों कक्षाओं की परीक्षा पुराने पैटर्न पर ही होगी। मंडल ने ब्लूप्रिंट और मूल्यांकन पद्धति और प्रश्न पत्र प्रिंट कराने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया था। परीक्षा के ठीक पहले होने वाले इस बदलाव से करीब 18 लाख विद्यार्थी प्रभावित हो रहे थे।
शासन ने अपने आदेश में कहा है कि लॉकडाउन और लगातार कोरोना संक्रमण की स्थिति के चलते शैक्षणिक सत्र प्रभावित हुआ है। नियमित कक्षाएं नहीं लगीं और विद्यार्थी स्कूल आकर नहीं पढ़े हैं। इसलिए नए पैटर्न पर परीक्षा कराना ठीक नहीं होगा। इससे परीक्षा परिणाम प्रभावित होगी, जो छात्रहित में नहीं है। इसलिए प्रश्न पत्र प्रिंट कराने, ब्लूप्रिंट और मूल्यांकन पद्धति में बदलाव नहीं होगा।
मंडल ने किए थे ये बदलाव
मंडल अथवा में प्रश्नों की संख्या बढ़ा रहा था। (मसलन, कुल छह प्रश्नों में चार हल या पांच प्रश्नों में से तीन हल करने होंगे।) पहले हर दो प्रश्न में अथवा होता था। अब आठ या दस प्रश्न दे दिए जाएंगे। वहीं श्रेणी सुधार के लिए विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के तीन माह बाद फिर से परीक्षा दे सकेगा। उसके रिजल्ट में उसी साल सुधार हो जाएगा। इसके अलावा कोई भी विद्यार्थी संकाय बदल सकेगा। दूसरी परीक्षा भी बोर्ड परीक्षा की तरह ही होगी और अंकसूची पर पूरक नहीं लिखा जाएगा।
पहले यह पैटर्न था ..
- कुल अंक -- 100
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न -- 25 अंक
- अति लघुउत्तरीय प्रश्न -- 10 अंक (2 अंक के पांच प्रश्न)
- लघु उत्तरीय प्रश्न -- 12 अंक (3 अंक के चार प्रश्न)
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -- 28 अंक (4 अंक के सात प्रश्न)
- निबंधात्मक प्रश्न -- 25 अंक (5 अंक के 5 प्रश्न)
आॅनलाइन संशोधन आज से
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 9वीं से 12वीं के परीक्षा आवेदन-पत्रों में 5 फरवरी से आॅनलाइन संशोधन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सभी प्राचार्य अपनी संस्था के माध्यम से भरे गये नियमित और स्वाध्यायी छात्रों के नामांकन एवं परीक्षा आवेदन-पत्र में आवश्यक संशोधन कर सकेंगे। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए मंडल परीक्षाओं के लिए भरे गये नामांकन और परीक्षा आवेदन-पत्र में नाम, जन्म-तिथि, फोटो, विषय, माध्यम, लिंग, शुल्क छूट श्रेणी आदि में संशोधन किया जा सकेगा।