युवा नेता दरी बिछाने तक सीमित, वर्षों से कुछ चंद नेताओं की जागीर बना भाजपा संगठन
सतना | नए चेहरों को सत्ता और संगठन में मौका देने की बातें तो भाजपा द्वारा की जाती है लेकिन कुछ अपवादों को छोड़कर ऐसा होता नहीं है। हालात यह हैं कि भाजपा की जिला टीम में कई वर्षों से चंद व्यक्ति ही घूम- फिर कर पदाधिकारी बन रहे हैं। यहां तक कि 17 सालों से कुछ नेता जिला टीम में पदाधिकारी बने हुए हैं। एक सख्श तो भाजपा की जिला टीम में वर्ष 2001 से लगातार पदाधिकारी हैं। वे पार्टी के तीन बार उपाध्यक्ष, एक-एक बार महामंत्री और कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। वे अब फिर से जिला टीम में आने के दावेदार हैं। ऐसे में लंबे अरसे से संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को ऐसा महसूस होने लगा है कि मानों अब संगठन चंद नेताओं की जागीर हो।
क्या यहां भी होगा बदलाव
यदि भाजपा की मीडिया टीम की बात करें तो जिला अध्यक्ष चाहे कोई भी रहा हो लेकिन प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी का काम एक- दो व्यक्तियों ने ही हमेशा देखा है, इस वजह से किसी और को आगे आने का मौका ही नहीं मिला है। जिला अध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी के दूसरे कार्यकाल में उम्मीद है कि शायद इस क्षेत्र में भी कुछ बदलाव हो और किसी नए चेहरे को मौका मिले। जहां तक मीडिया टीम की बात करें तो राजेन्द्र अग्रवाल, कामता पांडेय और श्याम लाल गुप्ता के ही इर्द-गिर्द पूरा मामला रहा है।
राजेन्द्र अग्रवाल प्रवक्ता हैं, वे जिला भाजपा टीम में मंत्री, मीडिया प्रभारी रह चुके हैं। कामता पांडेय तीन बार से मीडिया प्रभारी हैं, एक बार फिर से इसी पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इस बार मीडिया टीम में स्थान पाने वालों में तीन और नामों की चर्चा हो रही है,उनमें उमेश द्विवेदी, सह मीडिया प्रभारी विनोद अ्रग्रवाल एवं युवा मोर्चा का मीडिया प्रभारी पुष्पराज कुशवाहा। अब देखना यह है कि टीम मेंं जगह किसे मिलती है?
तीन सालों का कार्यकाल
भाजपा के जिला पदाधिकारियों के कार्यकाल की यदि बात करें तो यह तीन सालों का होता है। भाजपा के जिला अध्यक्ष का लगातार दो कार्यकाल हो सकता है लेकिन पदाधिकारियों पर यह नियम लागू नहीं होने से एक ही नेता कई -कई बार जिला टीम में पदाधिकारी बन जाता है। इससे नए लोगों को आगे आने का मौका नहीं मिलता है।
कोई चौथी तो कोई छठवीं बार दावेदार
भाजपा का जिला अध्यक्ष चाहे कोई भी हो पर कुछ चेहरे ऐसे हैं जो टीम में रहेंगे ही रहेंगे। ऐसे नेताओं की वजह से युवा कार्यकर्ताओं को आगे आने का मौका नहीं मिल पाता है। भाजपा की मौजूदा जिला टीम में स्थान पाने की चाहत रखने वालों में नए और पुराने लोग भी हैं। ऐसे लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जो एक ही पद पर कई-कई बार रहे यहां तक कि लगातार छठवीं बार वे पदाधिकारी बनने की जुगाड़ में है। ऐसे नामों में पहला नाम श्रीचंद दौलतानी का है। सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देने के नाम पर हर बार इन्हें पदाधिकारी बना दिया जाता है। इस कड़ी में कई और नाम है।
बाबूलाल सिंह तीन बार के जिला उपाध्यक्ष, चौथी बार दावेदार। इसके अलावा अन्य पदों पर रहे। सरोज गूजर चौथी बार पदाधिकारी हैं। पांचवी बार दावेदार हैं तीन बार महामंत्री एक बार मंत्री रह चुकी हैं। विकास सिंह परिहार तीन बार से उपाध्यक्ष चौथी बार दावेदार हैं। इसके अलावा धर्मेन्द्र सिंह बिसेन, कमलेश सुहाने, पवन शर्मा और पूनम कुशवाहा तीन-तीन बार से पदाधिकारी हैं। चौथी बार भी यह सब दावेदारी कर रहे हैं।
वहीं श्रीराम मिश्रा दो बार से जिला उपाध्यक्ष हैं और तीसरी बार जिला टीम में इनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। ऐसे लोग जो दो से तीन बार जिला टीम में स्थान पा चुके हैं। उन्हें प्रदेश कार्यसमिति में भेज कर इनके राजनैतिक अनुभव का लाभ लिया जा सकता है। यद्यपि किसे पदाधिकारी बनाना है या नहीं यह पार्टी का आंतरिक मामला है। बहरहाल मंडल अध्यक्षों के लिए पार्टी द्वारा लागू की गई उम्र की सीमा की तरह ही जिला पदाधिकारियों के लिए भी उम्र की एक सीमा तय करने की मांग की है।