जैव विविधता पार्क का मामला: पूर्व एडी, प्राचार्य व प्राध्यापकों समेत 13 पर एफआईआर दर्ज
रीवा | तत्कालीन अतिरिक्त संचालक विनोद श्रीवास्तव, प्राचार्य सतेन्द्र शर्मा और सतना स्रातकोत्तर कॉलेज के प्राध्यापकों समेत 13 लोगों के विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध शाखा रीवा में एफआईआर दर्ज की गई है। कॉलेज में जैव विविधता पार्क निर्माण के भुगतान में गड़बड़ी से जुड़े इस मामले के अलावा 45 लाख रुपए की शासकीय राशि के बंदरबांट की एक और जांच शुरू हो गई है। संभाग के टीआरएस कॉलेज के बाद सतना कॉलेज दूसरा बड़ा कॉलेज है जहां लाखों रुपए का वारा-न्यारा हुआ है। उक्त जानकारी एसपी ईओडब्ल्यू वीरेन्द्र जैन ने दी है।
शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना में जैव विविधता पार्क निर्माण के लिए 5 लाख रुपए का अनुदान शासन द्वारा वर्ष 2013 में स्वीकृत किया गया था। निविदा प्रक्रिया के तहत न्यूनतम निविदाकार फर्म देवलैण्ड स्कैपर सतना की निविदा दर कम होने से उक्त निविदाकार से कार्य कराया गया था। जिसका भुगतान 4 लाख 99 हजार 400 रुपए शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना द्वारा किया गया था। खास बात यह है कि निविदाकार द्वारा अतिरिक्त कार्य के नाम पर अतिरिक्त देयक भुगतान प्रस्तुत किए गए थे। जिसमें महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. हर्षवर्धन एवं धीरेन्द्र सिंह ने अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग संभाग रीवा को अवगत कराया था। उन्होंने स्पष्ट बताया भी था कि निविदाकार द्वारा न तो कोई अतिरिक्त कार्य कराया गया है न ही इसका किसी प्रकार का भुगतान ही बकाया है।
शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना में डॉ. सतेन्द्र शर्मा की पदस्थापना होने के बाद अतिरिक्त कार्य के नाम पर निविदाकार द्वारा प्रस्तुत देयकों के भुगतान के संबंध में एक राय होकर आपराधिक षड़यंत्र रचकर बगैर निविदा आमंत्रण तथा कार्य के मूल्यांकन कराए बगैर ही एडी विनोद श्रीवास्तव उच्च शिक्षा रीवा संभाग द्वारा निविदाकार को 4 लाख 75 हजार 500 के भुगतान की अनुमति दे दी। महाविद्यालय के वित्त समिति पदाधिकारियों तथा बायोडायवर्सिटीज कार्य के प्रभारी डॉ. राजेश गर्ग द्वारा उक्त भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर डॉ. शर्मा द्वारा भुगतान कर दिया गया।
छात्र को श्रमिक बनाकर कर दिया फर्जी भुगतान
शैक्षणिक वर्ष 2009 एवं 2017-18 में महाविद्यालय के छात्र अमित कुमार सिंगोत एवं नंदलाल कुशवाहा को श्रमिक के रूप में मस्टर रोल पर काम दिखाकर पारिश्रमिक के रूप में 2 लाख 71 हजार 631 का फर्जी भुगतान कर दिया गया। इस तरह की गई गड़बड़ी की शिकायत ईओडब्ल्यू मुख्यालय भोपाल में शिकायत क्रमांक 2419 पंजीबद्ध कर सत्यापन के लिए निरीक्षक श्रीमती गरिमा त्रिपाठी द्वारा कराए जाने पर शिकायत के सत्यता की पुष्टि हुई।
इन्हें बनाया आरोपी
शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना में किए गए इस फर्जीवाड़े में डॉ. सतेन्द्र शर्मा प्राचार्य, डॉ. विनोद कुमार श्रीवास्तव एडी उच्च शिक्षा रीवा संभाग, डॉ. राजेश गर्ग बायोटेक विभाग, डॉ. आरआर गुप्ता अध्यक्ष शासी निकाय, डॉ. केएल मौर्य प्राध्यापक अर्थशास्त्र, डॉ. प्रदीप मिश्रा प्राध्यापक रसायन शास्त्र, डॉ. गोविंद प्रसाद द्विवेदी सहायक प्राध्यापक हिन्दी, डॉ. एनके भगत सहायक प्राध्यापक रसायन शास्त्र, डॉ. एनपी अग्रवाल परीक्षा गोपनीय नियंत्रक, डॉ. सुनील शर्मा प्रभारी रजिस्ट्रार, राघवेन्द्र शर्मा देवलैण्ड स्किपर्स सतना निविदाकार, अमित कुमार सिंगोत, नंदलाल कुशवाहा बनाए गए हैं।
45 लाख रुपए के दुरुपयोग पर होगी पृथक से जांच
शासकीय स्रातकोत्तर महाविद्यालय सतना के तत्कालीन प्राचार्य सतेन्द्र शर्मा एवं अन्य के विरुद्ध गोपनीय कार्यों के लिए प्रश्न पत्र की छपाई एवं लगाए गए वाहनों में तकरीबन 45 लाख रुपए के शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है। इन भ्रष्टाचार से संबंधित आरोपों की अलग से जांच की जा रही है। बताया गया है कि पूरे मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ रीवा में 8 फरवरी 2021 को अपराध क्रमांक 9/21, धारा 420 एवं 120बी भादवि, धारा 7(सी), 13(1) ए, 13(2), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधन अधिनियम 2018 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।