भाजपा विधायकों का प्रशिक्षण वर्ग में CM ने कहा विनम्र बनें भाजपा विधायक

भोपाल | उज्जैन में भाजपा विधायकों का दो दिनी प्रशिक्षण वर्ग शुरू हो गया है। दोपहर 12.18 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्र, प्रहलाद पटेल, ओमप्रकाश धुर्वे,फग्गन सिंह कुलस्ते, पंकजा मुंडे ने दीप प्रज्जवलित कर वर्ग का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि कार्यकर्ता लालटेन की तरह होते हैं। कई बार लालटेन की कांच पर धूल जम जाती है, जिसके कारण उसका प्रकाश मंद्धम पड़ जाता है।

कांच साफ करते ही प्रकाश फैलने लगता है। ठीक इसी तरह प्रशिक्षण वर्ग में कार्यकर्ताओं के विजन का साफ किया जाता है। उद्घाटन सत्र से पहले मुख्यमंत्री ने उज्जैन विकास गाथा प्रदर्शनी का अवलोकन किया। वर्ग में मुख्य रूप से किसान आंदोलन पर रणनीति, नगरीय निकाय चुनावों की तैयारी पर बात हुई है। प्रशिक्षण शिविर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विधायकों को विनम्र बनने  तथा जनता से अच्छा व्यवहार करने की सीख दी।

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में ठहरेंगे। मान्यता है कि उज्जैन में कोई भी राजा रात नहीं गुजारता। वर्ग का चौथा सत्र शनिवार सुबह 10-11 बजे तक चलेगा। इस सत्र को शिवप्रकाश जी संबोधित करेंगे। इसका विषय विचार परिवार रहेगा। पांचवे सत्र में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधायकों को सदन में उनकी भूमिका कैसी हो, कार्यालय और सोशल मीडिया के उपयोग की ट्रेनिंग देंगे। यह सत्र दोपहर 11.30 बजे से 12.30 बजे तक चलेगा। इस सत्र की अध्यक्षता विश्वेश्वर टुडू करेंगे। उसके बाद प्रशिक्षण वर्ग का समापन सत्र होगा। जो दोपहर एक बजे से दो बजे तक होगा। इसमें राष्ट्रीय परिदृश्य और सोशल मीडिया पर चर्चा होगी। इस सत्र को मुरलीधर राव संबोधित करेंगे। समापन सत्र की अध्यक्षता कैलाश विजयवर्गीय करेंगे।

सजग रहकर काम करें विधायक: नरोत्तम मिश्रा 
एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने राहुल गांधी को मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट बताया। उन्होंने दिग्विजय सिंह के उस ट्वीट (कांग्रेस के युवाओं को जनता के बीच में जाना चाहिए) पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के युवा जनता के बीच जाने के बजाए बार-बार इटली चले जाते हैं। एक सवाल के जवाब में मिश्र ने कहा कि देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का हक किसी को नहीं है। उन्होंने फिर दोहराया कि जिस घर से पत्थर आएंगे, पत्थर वहीं से निकाले जाएंगे। इससे पहले मिश्र ने गुप्त नवरात्रि पर्व हरसिद्धि माता मंदिर में दर्शन किए। इधर, प्रशिक्षण वर्ग में शामिल होने आए प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने भी मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बदली हुई टेक्नालाजी में, बदले हुए परिवेश में प्रशिक्षण वर्ग जरूरी है। समरसता लेकर हम समाज में कैसे जाएं, समाज के लिए कैसे काम करें। इसका प्रशिक्षण सभी के लिए होता है।

जनता-विधायकों से होगा जुड़ाव
भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग के बारे में पूछने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जनता की जो अभिलाषा है उस पर पूरी तरह खरे उतरे यही मंशा है। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सिंधिया के भाषण की तारीफ पर बोले- मेरी मंशा है बीजेपी के कार्यकर्ता की तरह काम करने की मुझे प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिला मेरा सौभाग्य है। हम जनता से और विधायकों से जुड़ाव रखे, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस वर्ग का आयोजन किया है। हम सबको प्रेरणा मिलेगी और हम सब इसका लाभ ले सकेंगे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा-पार्टी अपने जनप्रतिनिधियों का समय समय पर प्रशिक्षण करती रहती है। यह वर्ग भी उसी का एक हिस्सा है। सिंधिया समर्थकों के प्रशिक्षण पर शर्मा ने कहा- दूसरी विचारधारा का कोई नहीं है। सभी कार्यकर्ता भाजपा के कार्यकर्ता हैं।

मध्यप्रदेश का राजनैतिक इतिहास
विधायकों को बताया गया कि मध्यप्रदेश का जन्म 1956 में हुआ था। मप्र में मुख्य रूप से दो राजनीतिक दलों का हमेशा से दबदबा रहा है। 1977-80 तक जनता पार्टी की सरकार थी। तीन सालों में कैलाशचंद जोशी, वीरेंद्र कुमार सकलेचा और सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री बने। 1980 में इंदिरागांधी के केंद्र में वापसी करते ही फरवरी में पटवा सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। मार्च 1990 में एमपी में भाजपा की सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनी। छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद पटवा सरकार को फिर बर्खास्त कर दी गई। इसके बाद मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में 10 साल कांग्रेस का राज रहा। वर्ष 2003 में भाजपा को आम चुनावों में फिर जीत मिली। उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद संभाला। एक मामले में उन्हें अगस्त 2004 में इस्तीफा देना पड़ा। उमा भारती के विश्वसनीय बाबूलाल गौड़ को मुख्यमंत्री बनाया गया। गौड़ भी ज्यादा दिन पद पर नहीं बने रह सके। 2005 में उनकी जगह शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया। तब से अब तक शिवराज सिंह चार बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं।

महाकाल की शरण में 'महाराजा', साफ-सफाई की कमी देख नाराज
इधर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रशिक्षण शिविर में जाने से पहले बाबा महाकाल के गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन किए। उन्होंने कहा हम सभी जनसेवक हैं। हमारा दायित्व है कि हम सभी जनता से जुड़े रहें। दिल्ली के पास चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सिंधिया ने स्पष्ट किया कि कानून किसानों के हित में हैं। मैंने अपना मत संसद के पटल पर रखा है। किसानों को राजनीतिक आजादी तो मिल गई थी लेकिन आर्थिक आजादी इन कानूनों के माध्यम से दी गई है।

यह 70 वर्षों में पहली बार हुआ है। इन कानूनों से किसानों को उनका हक देने की कोशिश की गई है। वो अपनी उपज कहीं भी बेच सकते हैं। किसी से भी कांट्रेक्ट कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर के साथ सिंधिया राजघराने की पुरानी भावनाएं जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि वित्त आयोग से मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 75 करोड़ की मांग की थी जिसे आम बजट में शामिल कर लिया गया है। इस दौरान वे महाकाल परिसर की व्यवस्था देख नाराज नजर आए। गौरतलब है कि सिंधिया राजघराने की पुश्तैनी भावनाएं इस मंदिर से जुड़ी हुई है।

प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने से पहले कांग्रेस की कारगुजारी देख लें राहुल  

ये कांग्रेस की सरकारों की अदूरदर्शिता, अकर्मण्यता और लगातार अनेदेखी का ही परिणाम है कि चीन हमारी हजारों वर्ग किलोमीटर भूमि पर काबिज है। चीनी सेना द्वारा सीमा पर पैदा किए गए संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सरकार न केवल चीन के सामने सिर उठाकर खड़ी रही है, बल्कि ये केंद्र सरकार की नीतियों का परिणाम है कि चीन अप्रैल-मई 2020 से पहले की स्थिति पर लौटने को तैयार हो गया है। ऐसे में बेहतर होगा यदि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी मोदी सरकार पर ऊंगली उठाने से पहले कांग्रेस की सरकारों की असफलता पर नजर डाल लें।

यह बात भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार ने राहुल गांधी के वक्तव्य पर रोष जाहिर करते हुए कही। वैभव पवार ने कहा कि पं. जवाहरलाल नेहरू की अदूरदर्शिता के कारण 1962 का भारत-चीन युद्ध हुआ और इस युद्ध में भारत को पराजय झेलना पड़ी। यही नहीं, बल्कि इस युद्ध के बाद चीन ने हमारी लगभग 27250 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया। वैभव पवार ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों की अनदेखी और अकर्मण्यता से चीन की हिम्मत बढ़ती गई।
और 2008, 2009 और 2012 में भी चीन ने हमारी जमीन को हथियाने का सिलसिला जारी रखा। इस पूरे कालखंड के दौरान देश में कांग्रेस की ही सरकार रही।