जनता पर महंगाई की मार, बजट में वैक्सीन, किसान और चुनाव का तड़का

प्रमुख बातें

  • एलआईसी की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार 
  • रेलवे की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की संपत्ति बेचेगी सरकार, सार्वजनिक कंपनियों के एसेट भी बिकेंगे
  • मिशन पोषण 2.0 का  शुभारंभ करने की घोषणा
  • अमीरों की कमाई पर 10 से 37 फीसदी तक का सरचार्ज
  • रक्षा क्षेत्र में मामूली बढ़ोतरी, कुल आवंटन 4,78,195 करोड़ रुपये
  • असम-बंगाल की टी-वर्कर्स को 1000 करोड़ मिलेंगे
  • महिलाएं सभी शिफ्टों में कर सकेंगी काम, उन्हें मिलेगी पर्याप्त सुविधाएं
  • वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ने की घोषणा की है

नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना तीसरा बजट पेश कर दिया है। इस बजट से जनता पर महंगाई की मार पड़ना तय है। इसमें उन्होंने कृषि क्षेत्र में आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए कृषि इंफ्रा विकास सेस लगाने का प्रावधान किया है। इसके लगने से कई जींसों के दाम सीधे तौर पर बढ़ जाएंगे। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल के दाम भी आसमान में पहुंचने की तैयारी में हैं।

इस दशक का पहला आम बजट  में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए। ये पहला मौका है जब बजट दस्तावेज नहीं छपे। पहली बार पेपरलेस बजट रहा। बजट में प्रस्तावित कृषि इंफ्रा विकास सेस को पेट्रोल-डीजल के अलावा कई आयातीत वस्तुओं पर लगाया गया है। इसकी वजह से इन वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होना तय है। खाद्य-तेल और दाले भी शामिल हैं। एक तरफ हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 64,180 करोड़ रूपए का ऐलान किया।

वहीं, अब कई सरकारी क्षेत्र में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। दो बैंकों का भी निजीकरण करने का प्रस्ताव मोदी सरकार ने रखा है। वहीं, बीमा कंपनी की हिस्सेदारी भी सरकार बेचने जा रही है।  वहीं कोरोना वायरस महामारी के कारण बदहाल इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़े निवेश के ऐलान किए गए हैं। इस बजट से कॉरपोरेट जगत खुश है, शेयर बाजार बमबम है, बजट में विनिवेश को लेकर भी ऐलान हुए। बीपीसीएल, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड जैसी कंपनियों का विनिवेश 2022 करने का ऐलान हुआ।  एलआईसी का आईपीओ लाने की घोषणा की गई। 

ये उत्पाद हो सकते हैं महंगे

  • कुछ आॅटो पार्ट्स पर 15 फीसदी तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है, इससे गाड़ियां महंगी हो सकती हैं।
  • जबकि सोलर इनवर्टर महंगा होगा, क्योंकि इस पर आयात शुल्क 20% बढ़ाया गया है।
  • मोबाइल फोन के चार्जर और हेडफोन पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5% बढ़ाई है। इससे ये चीजें भी महंगी हो जाएंगी।
  • रत्न महंगे होंगे
  • आॅटो पार्ट्स महंगा होगा
  • कपड़े महंगे होंगे क्योंकि कपास पर उत्पाद शुल्क बढ़ेगा।
  • पेट्रोल-डीजल, शराब

ये सामान होंगे सस्ते

  • बर्तन, लेदर के सामान
  • सोने-चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5% कम की गई है। इससे ज्वैलरी सस्ती होगी।
  • स्टील उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करके 7.5% कर दी गई है।
  • तांबे पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5 प्रतिशत घटाई   गई है।
  • चुनिंदा लेदर को कस्टम ड्यूटी से हटा दिया गया है। इससे लेदर के उत्पाद सस्ते होंगें।
  • पशुआहार में इस्तेमाल होने वाले मटेरियल, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राजनयिक मिशन द्वारा आयातित चिकित्सा उपकरण।

पेट्रोल-डीजल पर लगाया कृषि विकास सेस
पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है। पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.50 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 4 रुपये का कृषि सेस लगाया गया है। हालांकि, इसका असर ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। माना जा रहा है कि सरकार तेल कंपनियों की जेब से कोरोना काल के दौरान हुए फायदे को निकालने की कोशिश कर रही है।

रक्षा बजट सिर्फ 0.9% बढ़ाया गया
डिफेंस का बजट 1% भी नहीं बढ़ा है। इसे 3.43 लाख करोड़ से बढ़ाकर सिर्फ 3.47 लाख करोड़ किया गया है। इसमें हथियार खरीदने के लिए 1.35 लाख करोड़ हैं। पिछले साल हथियारों के लिए 1.13 लाख करोड़ दिए गए थे।

बजट में किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया
देश के सामान्य आदमी और महिलाओं का जीवन आसान बनाने के साथ ही स्वास्थ्य, पोषण, शुद्ध जल पर विशेष जोर दिया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में किए गए बदलावों का फायदा रोजगार निर्माण में दिखाई देगा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी जोर दिया गया है। किसानों को ज्यादा कर्ज मिल सके, इसके प्रावधान किए गए हैं।
नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

इंफ्रास्ट्रक्चर-हेल्थ पर रहा हमारा फोकस
बजट में हमारा मुख्य फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ सेक्टर को लेकर था। इस बार के बजट में कुल 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जो कृषि सेस लाया गया है, उससे आम लोगों पर कम ही भार पड़ेगा। कोराना काल में सरकार का फोकस सिर्फ खर्च करने पर रहा, आम लोगों को अधिक से अधिक मदद पहुंचाई गई।
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

सरकारी कंपनियों को बेचने में लगी है सरकार 
सरकार ने देश की संपत्ति को अपने मित्र पंूजीपतियों में बांटने की पूरी व्यवस्था की है। सरकार देश के जन सामान्य को खुशहाल नहीं देखना चाहती है,  उनके हित में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मोदी सरकार लोगों के हाथों में नकदी देना भूल गई। आम आदमी के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता

आत्म-निर्भर भारत के निर्माण का बजट सिद्ध होगा
केन्द्रीय बजट वैभवशाली, समृद्ध और सशक्त भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की जिद, जुनून और जज्बे का प्रतीक है। कोरोना काल की कठिन परिस्थितियों के बीच प्रस्तुत केन्द्रीय बजट आत्म-निर्भर भारत के निर्माण का बजट सिद्ध होगा। इसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री