कलेक्टर ने लगाया निर्माण पर प्रतिबंध, प्रकरण के निराकरण तक निर्माण न कराने के निर्देश
सतना | स्टेशन रोड में प्रेम नर्सिंग होम के बगल से बनने वाले एक मार्केटिंग कांपलेक्स समेत कई निर्माण कार्यों पर कलेक्टर ने प्रतिबंध लगा दिया है। गौरतलब है कि राजस्व अभिलेखों की जांच पड़ताल में यह तथ्य सामने आया था कि ये आराजियां मप्र शासन की हैं जो बाद में कूट रचित दस्तावेजों व बटांकों का खेल खेलकर निजी आराजियों में तब्दील कर दी गईं थी। एसडीएम ने मामले की छानबीन के लिए गठित टीम के प्रतिवेदन के आधार पर शापिंग माल के निर्माण पर रोक लगाते हुए उन 10 भू-क्रेताओं को नोटिस भेजा था जिनके नाम अब इस आराजी के भूमिस्वामी के तौर पर दर्ज है। एक ओर तो जांच में जमीन को सरकारी पाकर तथाकथित भू स्वामियों को नोटिस जारी कर दी गई थी मगर इन आराजियों पर निर्माण कार्य जारी था।
पहले क्रय-विक्रय और निर्माण पर रोक लगाने वाले जिला प्रशासन ने बाद में क्रय-विक्रय पर रोक तो लगाए रखी लेकिन निर्माण की सहमति दे दी थी नतीजतन कांपलेक्स के साथ साथ आराजी क्रमांक- 138/5/1 व आराजी क्रमांक- 138/5/2 में भवन निर्माण का काम युद्ध स्तर पर चालू रहा। स्टार समाचार ने 24 जनवरी को प्रकाशित अंक में ‘सवालों के घेरे में जिला प्रशासन का आदेश’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था जिसे संजीदगी से लेते हुए कलेक्टर अजय कटेसरिया ने प्रकरण के निराकरण तक आराजी क्रमांक-138 रकबा 1.92 हेक्टेयर पर चल रहे निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बताया जाता है कि पहले क्रय-विक्रय और निर्माण पर रोक लगाने वाले जिला प्रशासन ने बाद में क्रय-विक्रय पर रोक तो लगाए रखी लेकिन निर्माण की सहमति दे दी नतीजतन कांपलेक्स के साथ साथ आराजी क्रमांक- 138/5/1 व आराजी क्रमांक- 138/5/2 में भवन निर्माण का काम युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है।
इन्हें भेजी थी नोटिस
संयुक्त जांच दल द्वारा दिए गए प्रतिवेदन व उठाए गए बिंदुओं का परीक्षण कराने के पश्चात न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर ने पत्र क्रमांक/ 817/अनु. अधि./2020 जारी किया था। जारी पत्र में आराजी क्रमांक-138/6/2/ तथा आराजी क्रमांक 138/6/3 के भू-स्वामी के तौर पर दर्ज रेखारानी पत्नी राजेश चौरसिया तथा राजेश चौरसिया पुत्र शिवप्रसाद चौरसिया को शापिंग माल का निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिए गए थे। पत्र में बताया गया था कि आराजी क्रमांक 138 रकबा 1.92 हे.नजूल की आराजी में अधिक रकबा दर्ज कराया गया है। जांच में भू-क्रेताओं को साफ आदेश दिए गए थे कि चूंकि प्रकरण संयुक्त जांच टीम के पास विचाराधीन है अत: इस अवधि में उक्त आराजी में न तो निर्माण किया जा सकेगा और न ही इसे बेचा-खरीदा जा सकेगा।