विशाखापट्टनम में स्थापित होगा परमाणु रिएक्टर, जो पूरी तरह चिकित्सा आइसोटोप के उत्पादन को समर्पित होगा

कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाले रेडियोआइसोटोप का स्थानीय स्तर पर उत्पादन करना है। इससे भारत को विदेशी स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, और इलाज को न सिर्फ सुलभ बल्कि कम खर्चीला भी बनाया जा सकेगा।

विशाखापट्टनम में स्थापित होगा परमाणु रिएक्टर, जो पूरी तरह चिकित्सा आइसोटोप के उत्पादन को समर्पित होगा

विशाखापट्टनम में जल्द ही परमाणु रिएक्टर स्थापित होगा, जो पूरी तरह चिकित्सा आइसोटोप के उत्पादन को समर्पित होगा। कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाले रेडियोआइसोटोप का स्थानीय स्तर पर उत्पादन करना है। इससे भारत को विदेशी स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, और इलाज को न सिर्फ सुलभ बल्कि कम खर्चीला भी बनाया जा सकेगा।

BARC की पहल, PPP मॉडल पर बनेगा रिएक्टर

इस रिएक्टर का निर्माण भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) की ओर से प्रस्तावित किया गया है, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (DAE) की औपचारिक मंजूरी भी मिल चुकी है।

क्यों खास है यह रिएक्टर?

  • यह रिएक्टर पूरी तरह रेडियोएक्टिव आइसोटोप के उत्पादन पर केंद्रित होगा।
  • कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में इन आइसोटोप्स की अहम भूमिका होती है।
  • अब तक भारत को इनका एक बड़ा हिस्सा आयात करना पड़ता था, जिससे इलाज की लागत और समय दोनों बढ़ते थे।
  • घरेलू उत्पादन से मरीजों को मिलेगा तेज और सस्ता उपचार।

देश में कैंसर से लड़ाई को मिलेगा नया हथियार

भारत में हर साल लाखों नए कैंसर मरीज सामने आते हैं। ऐसे में रेडियोआइसोटोप की समय पर उपलब्धता जीवन रक्षक साबित हो सकती है। यह रिएक्टर देश के हेल्थकेयर सिस्टम को तकनीकी रूप से और भी मजबूत बनाएगा।