सर्वेश्वरी माइनिंग को झटका, 382 एकड़ जमीन शासकीय घोषित

सतना | कलेक्टर न्यायालय ने सर्वेश्वरी माइनिंग को एक बड़ा झटका दिया है।  कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने राजस्व प्रकरण में सतना जिले की तहसील रघुराजनगर स्थित ग्राम बठिया कला, लालपुर, बठिया खुर्द की अनसर्वेड भू-खण्ड कुल नये खसरा नंबर 246 किता कुल रकबा 152.7 हेक्टेयर अर्थात लगभग 382 एकड़ से अधिक भूमि को म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धाराओं के अनुसार मप्र शासन के स्वामित्व की होने के फलस्वरूप शासकीय घोषित करने के आदेश पारित किये हैं।

अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रघुराजनगर द्वारा अनसर्वेड भू-खण्ड स्थित ग्राम बठिया कला, कुल प्रस्तावित खसरा नंबर 106 कुल रकबा 65.910 हेक्टेयर, ग्राम लालपुर के कुल खसरा नंबर 111 रकबा 71.700 हेक्टेयर एवं बठिया खुर्द कुल खसरा नंबर 29 कुल रकबा 15.09 हेक्टेयर मिलाकर कुल 246 किता कुल रकबा 152.700 हेक्टेयर को मप्र शासन की भूमि घोषित करने और राजस्व भू-अभिलेख अद्यतन कराया जाना प्रस्तावित किया गया था। इन सभी भू-खण्डों की प्रविष्टि वर्तमान संधारित राजस्व रिकॉर्ड में नही थी और वर्ष 1958-59 के उपलब्ध अभिलेखों में भी इन भू-खण्डों के स्वामित्व का विवरण उपलब्ध नही था। किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा ना तो इस भू-खण्ड पर कोई दावा प्रस्तुत किया गया और ना ही स्वामित्व संबंधी कोई अभिलेख। इस प्रकार सभी भू-खण्ड अनसर्वेड एरिया के रूप में जाने जाते रहे है।

कलकत्ता हाईकोर्ट में भी हो चुकी सुनवाई, लिक्विडेटर की हुई थी नियुक्ति 
बताया जाता है कि ये जमीनें गुजरे जमाने मे सतना में सगमनिया साइडिंग में संचालित रही सतना लाइम स्टोन कंपनी के पास थीं। बैजल के स्वामित्व में रही इन जमीनों से सम्बंधित मुकदमा कोलकाता हाईकोर्ट में भी चला जहां तब के सतना कलेक्टर रहे स्व संतोष मिश्रा ने प्रशासन का पक्ष रखते हुए शपथ पत्र के जरिये कहा था कि अनसर्वे लैंड बैजल की सतना लाइम स्टोन से वापस लिए जाने योग्य है। बैजल के सतना से पलायन के बाद उसकी जमीन और खदानों पर सर्वेश्वरी माइनिंग कंपनी ने दावेदारी शुरू कर दी थी जबकि ये जमीन अनसर्वे लैंड के रूप में चिन्हित  हो चुकी थीं। कुछ राजनैतिक रसूखदार किसी भी तरह इन जमीनों का स्वत्व प्राप्त करने की हर मुमकिन कोशिश में लगे थे। कोलकाता हाईकोर्ट ने इस संपत्ति पर लिक्विडेटर भी नियुक्त किया था।

13 साल किया दावे का इंतजार, अंतत: सुनाया फैसला 
मप्र भू-राजस्व संहिता की धारा के प्रावधानों में समस्त भूमियां राज्य सरकार की हैं। जिन भूमियों का निर्धारण नही हुआ है, उनके निर्धारण का अधिकार कलेक्टर को प्रदत्त है। संहिता की धारा 109 में निर्दिष्ट है कि कोई भी व्यक्ति भूमि के अधिकार का हित विधिपूर्वक अर्जित करता है तो अर्जन की तारीख से 6 मास के भीतर मौखिक या लिखित में सूचित करेगा। इस प्रकरण में वर्ष 2007 में अनसर्वेड भू-खण्डों पर नवीन खसरा कायम किये जाने के आदेश के पश्चात वर्तमान में 13 साल बाद भी किसी ने अनसर्वेड भू-खण्डों पर अपना दावा या हक प्रस्तुत नही किया है या स्वामित्व से संबंधी अभिलेख, सक्षम न्यायालय का आदेश अथवा डिक्री प्रस्तुत नही किये गये हैं।

लिहाजा कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ने न्यायालय में चल रहे राजस्व प्रकरण में बठिया कला, लालपुर, बठिश खुर्द तहसील रघुराजनगर की अनसर्वेड भू-खण्ड के कुल नये खसरे 246 किता कुल रकबा 152.700 हेक्टेयर भूमि को म.प्र. राजस्व संहिता 1959 की धाराओं के तहत म.प्र. शासन के स्वामित्व में होने के फलस्वरूप शासकीय घोषित कर राजस्व रिकॉर्ड अद्यतन कराने के आदेश पारित किये है।