1250 करोड़ रुपए के घपले में अधिकारी, बाणसागर घोटाले में 40 के विरुद्ध आरोप तय

रीवा | विंध्य की जीवनदायिनी बाणसागर परियोजना में सबसे बड़े और चर्चित घोटाले के 40 आरोपियों के विरुद्ध विशेष न्यायालय लोकायुक्त द्वारा आरोप तय कर दिए गए हैं। करीब 1250 करोड़ रुपए की सिंचाई विभाग की सबसे बड़े घोटाले में अधिकारियों एवं प्रदेश भर के सप्लायर, कम्प्यूटर फोटोकॉपी सेंटर संचालक आरोपी हैं। 2008 में लोकायुक्त ने इस घोटाले में प्रकरण दर्ज किया था।

मीडिया प्रभारी मो. अफजल खान ने बताया कि विन्ध्य क्षेत्र लाइफ लाइन के रूप में प्रतिष्ठित बाणसागर परियोजना का कार्य म.प्र. शासन के नियम एवं प्रावधानानुसार सम्पादित किये जाने थे, परन्तु आरोपीगण बाणसागर परियोजना कार्य में शासन के नियमों निर्देशों को अनदेखा कर अपने पदीय कर्तव्यों के विपरीत स्वेच्छाचारिता से घटिया स्तर का गुणवत्ता विहीन कार्य, निर्माण सामग्री का अनावश्यक क्रय सामग्री, स्टेशनरी की रेट लिस्ट निर्धारित न की जाकर मनमानी रूप से सामग्री के रेट अंकित कर सामग्री, स्टेशनरी सप्लाई मंगाई और भुगतान किया। 

वर्ष 2004-2008 के मध्य आरोपियों द्वारा आपराधिक षड़यंत्र कर शासन को भारी मात्रा में आर्थिक क्षतिकारित की गई है। ठेकेदारों एवं फर्म के प्रोप्राईटरों को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है। लिहाजा आरोपीगणों के विरूद्ध  22 सितम्बर 2008 को अपराध क्र. 21/08 के तहत भादवि की धारा 420, 120बी, 467, 468, 471 एवं पीसीएक्ट की धारा 12, 13(1)सी,डी, 13(2) के तहत निरीक्षक थाना प्रभारी राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान द्वारा कायम किया गया। सन् 2012 में मुख्य अभियोग पत्र एवं सात पूरक अभियोग पत्र विशेष न्यायाधीश रीवा के न्यायालय मे प्रस्तुत किये गये हैं। 

आरोप पत्र प्रस्तुत करने के 8 वर्ष पश्चात अभियोजन की सशक्त पैरवी से न्यायालय द्वारा 40 आरोपीगण के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 120बी, 467, 468, 471, 406, 409, 201, 217, 218 एवं पीसीएक्ट की धारा 12, 13(1)सी,डी, 13(2) के तहत विशेष न्यायालय द्वारा आरोप तय किया गया।

बाणसागर घोटाले में आरोप तय होने के बाद स्पष्ट हो गया है कि शिल्पी प्लाजा के ठीक सामने स्थित साक्षी ज्वेलर्स की नींव ह्यूम पाइप के नाम पर किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले से रखी गई है। मेसर्स मैहर सीमेंट पाइप इंडस्ट्रीज कोठी रोड रीवा के नाम से बनाई गई इस फर्म के संचालक रमेश कुमार गुप्ता पिता स्व. शम्भूप्रसाद गुप्ता हैं। जिन्होंने अधिकारियों से सांठगांठ या यूं कहें कि घोटाले की राशि के बंदरबांट के कथित गुप्त समझौते की आड़ में ह्यूम पाइप की फर्जी सप्लाई और भुगतान का खेल खेला।

दिलचस्प बात यह है कि उक्त फैक्ट्री में जितने ह्यूम पाइप बनाने की क्षमता है, उससे कई गुना ज्यादा की सप्लाई अधिकारियों की मेहरबानी से मैहर सीमेंट पाइप इंडस्ट्रीज फर्म ने किया था। घोटाले के उजागर होने के बाद संचालक ने साक्षी ज्वेलर्स नाम से आभूषण की नई दुकान शुरू कर दी। ह्यूम पाइप घोटाले में अधीक्षण अभियंता अनुपम श्रीवास्तव के अलावा पार्थ भट्टाचार्य ईई, बीपी रावत, एमएल सिंह, पीसी महोबिया तत्कालीन मुख्य अभियंता जैसे उच्च अधिकारियों की भूमिका बताई जा रही है। जिला अभियोजन कार्यालय के मीडिया प्रभारी मोहम्मद अफजल खान की मानें तो सभी आरोपियों को सजा होनी तय है।

कोर्ट में ट्रायल शुरू
शुक्रवार 5 फरवरी से चर्चित बाणसागर घोटाले पर विशेष न्यायालय में साक्ष्यों का ट्रायल शुरू हो गया है। आरोप पर बहस के दौरान शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अंजू पाण्डेय द्वारा अपने तर्क प्रस्तुत किये गये। जिसके आधार पर 8 वर्ष पश्चात बहुचर्चित बाणसागर घोटाले के 40 आरोपियों के विरूद्ध विशेष न्यायालय लोकायुक्त जिला रीवा द्वारा आरोप विरचित किए गए। 

डीएसपी 9 मार्च को होंगे पेश
लोकायुक्त द्वारा दायर इस चार्जशीट की सुनवाई अंतिम चरण में है। शुक्रवार को ट्रायल के बाद अगली सुनवाई 9 मार्च 2021 को नियत की गई है। जिसमें आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई रीवा के उप पुलिस अधीक्षक एवं तत्कालीन विवेचक एसएस शुक्ला बतौर साक्षी पेश होंगे।

तीन चरणों में तय हुए आरोप पत्र
विशेष न्यायालय लोकायुक्त रीवा में तीन चरणों में 40 आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय हुए हैं। पहले चरण में 21 जनवरी को धारा 420, 120बी, 467, 468, 471 आईपीसी एवं धारा 13(1)क, ख, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधित 2018 जिसमें 10 आरोपी हैं। दूसरा आरोप 23 जनवरी को तय किया गया। जिसमें कुल 13 आरोपी शामिल हैं। जबकि आखिरी आरोप 27 जनवरी को तय हुए। जिसमें सभी 40 आरोपी लोकसेवक, सप्लायर एवं कम्प्यूटर फोटोकॉपी संचालक शामिल हैं।

एक हजार पृष्ठों का है आरोप पत्र
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अंजू पाण्डेय के हवाले से बताया गया है कि चार्जशीट और उप आरोप पत्र मिलाकर करीब एक हजार पृष्ठों का चालान विशेष न्यायालय लोकायुक्त रीवा की कोर्ट में पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि 9 मार्च 21 से इस बहुचर्चित घोटाले के गवाहों के साक्ष्य किए जाएंगे।

बाणसागर की राशि दीमक की तरह चट करने वाले आरोपी

बहुउद्देशीय बाणसागर परियोजना की राशि को दीमक की तरह चट करने वाले आरोपियों में जिन 40 लोगों के विरुद्ध विशेष न्यायालय लोकायुक्त न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने आरोप तय कर दिए हैं, उनमें तत्कालीन उच्चाधिकारी एवं करोड़ों रुपए की फर्जी सामग्री सप्लाई करने वाले सप्लायर शामिल हैं। जानकारी के अनुसार गुलाबदास अग्रवाल मेसर्स अग्रवाल प्रोप्राइटर कोतवाली चौक सतना, राजेश नारायण दर मेसर्स क्लासिक कम्प्यूटर पीके स्कूल रीवा, विश्वनाथ मिश्रा मेसर्स आदर्श इंटरप्राइजेज युनिवर्सिटी रोड रीवा, रामदिनेश त्रिपाठी प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीवा थोक उपभोक्ता सहकारी भण्डार, जयविंद सिंह परिहार कार्यपालन यंत्री रिटायर्ड, राजकुमार पटेल मेसर्स साइबर जंक्शन छत्रपति नगर रीवा, गुलाब प्रसाद पटेल मेसर्स सुमित इंटरप्राइजेज बाणसागर कॉलोनी, चंद्रधर सिंह मेसर्स अलंकार आर्र्ट्स पेंटर बुक बाइंडर किला रोड रीवा, बीपी रावत कार्यपालन यंत्री रिटायर्ड, अभिषेक मदान, पार्थ भट्टाचार्य कार्यपालन यंत्री सेवानिवृत्त, एलएम सिंह कार्यपालन यंत्री सेवानिवृत्त जनार्दन कॉलोनी चिरहुला, अनुपम श्रीवास्तव एसई सेवानिवृत्त गांधी नगर उर्रहट, गुलाम अहमद मेसर्स एमपी बुक बाइंडर विवि रोड रीवा, ओमप्रकाश अरोरा मेसर्स एमआर इंडस्ट्रीज ग्वालियर, श्याम कुमार मदान मेसर्स नंदलाल स्टील मेन्युफेक्चरिंग कंपनी हरपालपुर जिला छतरपुर, पीसी महोबिया मुख्य अभियंता गंगा कछार जल संसाधन रीवा, बीके सिंह मेसर्स बालेन्द्र इंटरप्राइजेज सिरमौर रोड रीवा, सुरेश कुमार खण्डेलिया मेसर्स विराट स्टील उद्योग गंज रोड शहडोल, सुरेश कुमार मदान मेसर्स वरुण फेब्रिकेटर्स नारायणगंज हरपालपुर छतरपुर, श्रीमती प्रवेश मदान, श्रीमती किरण मदान मेसर्स अंकिता फेब्रिकेटर्स हरपालपुर, रवि प्रसाद खरे कार्यपालन यंत्री सेवानिवृत्त, राजकुमार अग्रवाल मेसर्स रुचि फोटोकापी एण्ड कम्प्यूटर सेंटर द्वारिका नगर, श्रीमती अनीता अग्रवाल मेसर्स अनिल कम्प्यूटर फोटोकापी सेंटर अर्जुन नगर, केसी राठौर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री सेवानिवृत्त, रमेश कुमार गुप्ता मेसर्स मैहर सीमेंट पाइप इंडस्ट्रीज कोठी रोड रीवा, संजय मंधाना मेसर्स यूनिवर्सल इंजीनियरिंग कंपनी खेरी गोरगांव छिंदवाड़ा, मदन मोहन मोदड़ा मेसर्स एमएम फेब्रिकेटर्स पिपलियापाला एबी रोड इंदौर, श्रीमती माया यादव, श्रीमती उर्मिला तिवारी मेसर्स उर्मिला तिवारी समान, संजय कछवाह मेसर्स शिल्की कम्प्यूटर रीवा रोड चुरहट, राजेश महाजन मेसर्स कास्मिक टेक्नालॉजी कौशिल्यापुर चितावड मेन रोड इंदौर, एमपी चतुर्वेदी कार्यपालन यंत्री सेवानिवृत्त पुरवा नहर संभाग गंगा कछार जल संसाधन सतना मण्डल, एसके पाठक मुख्य अभियंता सेवानिवृत्त, एनके अग्रवाल, सुभाषचंद्र थापर मेसर्स मुद्गल इंटरप्राइजेज प्रकाश चौक हास्पिटल रोड रीवा, पीपी पाण्डेय मेसर्स पंकज स्टेशनरी फोटोकॉपी रीवा, शशिभूषण अग्रवाल मेसर्स थापर एण्ड मुद्गल इंटरप्राइजेज गोपाल निवास वेंकट रोड रीवा और बृजेश कुमार सिंह मे. बालेन्द्र इंटरप्राइजेज सिरमौर रोड रीवा पर आरोप तय हो गए हैं।