स्टेट हाइवे पर पानी के डिब्बे रखकर बैठ गए ग्रामीण, 2 घंटे चकाजाम
सतना | जिले को पानीदार बनाने के लिए बेशकर सरकार हर साल करोड़ों रूपए खर्च करती हो, लेकिन कस्बाई व ग्रामीण क्षेत्रों कर पेयजल व्यवस्था जिम्मेदारों की उदासीनता से लड़खड़ाई हो। यह विडबना ही है कि आजादी के 74 साल बाद भी पीने के पानी के लिए लोगों को आंदोलन व धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बुधवार को हुए एक ऐसे ही प्रदर्शन ने पेयजल की प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। रोजाना की पेयजल समस्या से परेशान ग्रामीणों का धैर्य बुधवार की सुबह टूट गया ।
सुबह तकरीबन साढ़े 7 बजे रामपुर चौरासी, कुड़िया, खामा व खूझा गांव के ग्रामीण पानी के खाली डिब्बे व बर्तन लेकर सतना-चित्रकूट सड़क मार्ग पर बैठ गए और चकाजाम कर दिया। ग्रामीणों ने न तो चित्रकूट की ओर वाहन जाने दिए और न ही चित्रकूट की ओर से आने वाले वाहनों को सतना पहुंचने दिया। देखते ही देखते सतना व कोठी की ओर दोनो दिशाओं में वाहनों की लंबी कतार लग गई। अंतत: प्रशासनिक अमला पहुंचा और एक सप्ताह के भीतर पेयजल व्यवस्था को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क को खाली किया और यातायात बहाल हो सका।
दरअसल ग्राम पंचायत रामपुर चौरासी में अर्सा पूर्व पेयजल समस्या के निदान के लिए नल जल योजना से तकरीबन 70 लाख का काम कराया गया था। जिम्मेदारों ने लाखों की पाइप बिछाने, मोटर पंप खरीदने में तो रूचि दिखाई लेकिन बिछी पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति के लिए कोई प्रयास नहीं हुए, नतीजतन ग्राम पंचायत में पाइपें तो बिछी हैं लेकिन उनसे पानी की सप्लाई नहीं होती। जिम्मेदार ग्रामीणों की पेयजल समस्या के निदान के लिए कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो साल पूर्व मोटर पंप का स्टार्टर जल गया था जो अब तक नहीं बदला जा सका। आरोप हैं कि सरपंच रेखा चौधरी ने भी पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने में रूचि नहीं दिखाई जब पेयजल के नाम पर हर साल लाखों का वारा न्यारा किया जाता रहा है।
कई बार ग्रामीणों ने सरपंच रेखा चौधरी व उसका काम काज देखने वाले सरपंच पति कमलेश चौधरी से पेयजल समस्या के बारे में बताया लेकिन सरपंच ने एक कान से समस्या सुनकर बिना निदान के ही दूसरे कान से निकाल दिया। नतीजतन बुधवार की सुबह रामजस चौधरी, मनीष चौधरी, देवेंद्र शुक्ला, यातेंद्र पाठक, राजेश , शंकर चौधरी, कमलेश शुक्ला , नितिन त्रिपाठी, भोला पाठक,श्रीराम चौधरी, बेबी चौधरी, सुशीला चौधरी समेत सैकड़ों ग्रामीण सतना चित्रक्ूट सड़क पर आकर विरोध जताने वहीं धरने पर बैठ गए जिसका चित्रकूट मार्ग अवरूद्ध हो गया।
सड़क मार्ग पर चकाजाम की खबर सुनकर तहसीलदार बीके मिश्रा, पीएचई एसडीओ व सिविल लाइन थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश दी। तहसीलदार ने आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के भीतर उनकी समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा। प्रशासनिक आश्वासन पाकर ग्रामीणों का आक्रोश शांत हुआ और वे अपने घरों को लौट गए।
यह सही है कि पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने सड़क पर प्रदर्शन किया है। हमने मौके पर पहुंचकर समझाइश दी है जिसके बाद ग्रामीणों ने चकाजाम समाप्त कर दिया है।
बीके मिश्रा, तहसीलदार