गांवों में घर-घर जाकर निमोनिया से बचाने के बताएंगे उपाय: डॉ. प्रभुराम चौधरी
भोपाल | लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का प्रशिक्षित अमला 0 से 5 वर्ष के बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए बनाई गई रणनीति पर अमल करे। देश में बाल मृत्यु दर में निमोनिया और डायरिया जैसे रोगों से मृत्यु होती है, जिसका इलाज संभव है और उपलब्ध भी है। जरूरत है जन-जागरूकता बढ़ाने की और समय पर बच्चों को इलाज उपलब्ध कराने की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी 'सांस' (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रीलाइज निमोनिया सक्सेसफुली) अभियान के मिंटो हॉल में आयोजित राज्य-स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि देश में हर वर्ष 3 करोड़ बच्चे निमोनिया से ग्रसित होते हैं। इन बच्चों में प्रदेश के 23 लाख बच्चे शामिल हैं। बच्चों की मृत्यु दर में 15 प्रतिशत निमोनिया की बीमारी एक बड़ा कारण है।
प्रभुराम ने कहा कि 'सांस' अभियान में राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है। राज्य-स्तरीय ट्रेनर्स जिलों में और जिलों से पीएचसी, सीएचसी और गांव स्तर तक बाल स्वास्थ्य की देख-रेख करने वाले अमले को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव-गांव, घर-घर में परिवार के सदस्यों को निमोनिया के शुरूआती लक्षणों को पहचान करने की जानकारी देने के साथ उन्हें उनके गांव और घर के नजदीक उपलब्ध स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी भी दी जाऐगी। प्रदेश में 4 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बन चुके हैं। मार्च तक इनकी संख्या 7 हजार हो जाएगी। इन सेंटर्स पर इलाज की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई एवं बाल्य गहन चिकित्सा इकाई का लोकार्पण
निमोनिया की पहचान कर कोई भी माता-पिता अपने नौनिहाल को समय पर स्वास्थ्य केन्द्र ले जाकर इलाज उपलब्ध करवाएगा और बच्चों के जीवन पर निमोनिया से आने वाले संकट को समय रहते दूर कर सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग द्वारा तैयार की गई रणनीति, नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई, बाल्य गहन चिकित्सा इकाई तथा सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों के उपचार के रिकॉर्ड संधारण प्रपत्रों से डिस्चार्ज उपरांत बच्चों के फोलोअप किए जाने के संबंध में तैयार किए माड्यूल तथा बाल्य गहन चिकित्सा इकाई में कार्यरत चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्स द्वारा उपचार हेतु प्रोटोकॉल का अनावरण किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने आगर जिले में स्थापित नवनिर्मित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई एवं बाल्य गहन चिकित्सा इकाई का आॅनलाइन लोकार्पण किया। समारोह में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत श्रेष्ठ कार्य करने वाले चिकित्सकों का सम्मान भी किया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 10 माह में कोविड-19 के संक्रमितों के उपचार करने में उल्लेखनीय कार्य किया है। आज की स्थिति में प्रदेश में केवल 2 हजार के आसपास कोविड संक्रमित है। इसी प्रकार दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 वैक्सीनेशन के अभियान में पहले चरण में किये जाने वाले कुल स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं के 67 प्रतिशत का वैक्सीनेशन कर प्रदेश ने देश में पहला स्थान पाया है। स्वास्थ्य विभाग का पूरा अमला प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसी का परिणाम हैं कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी प्रदेश ने कोविड-19 की रोकथाम, उपचार और वैक्सीनेशन में देश में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 'सांस' अभियान में भी हम सफल होंगे।